नवीन अलंकारों की निरन्तर ऊहा के साथ-साथ भारतीय काव्यशास्त्रियों ने उन पर सूक्ष्म तथा लम्बी बहसें भी की हैं। साथ ही उनकी स्पष्टता के लिये अनेक तरह से विभाजनों के भी प्रयत्न किये जाते रहे हैं। वर्गीकरण के द्वारा हम किसी विषय को सूक्ष्मता से समझ पाते हैं। इस कारण से भारतीय काव्य शास्त्र में किये गये अलंकारों के वर्गीकरणों का अध्ययन महत्त्वपूर्ण है। इस पाठ में अलंकारों के विभिन्न प्रकार के वर्गीकरणों पर विचार किया गया है–
https://www.youtube.com/watch?v=OOBVyI__G9M
इस पाठ की लिखित सामग्री निम्नोक्त लिंक से प्राप्त की जा सकती है-
http://epgp.inflibnet.ac.in/ahl.php?csrno=18
P-08#M-20
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